अर्हं ध्यान योग – अर्हं ध्यान योग प्राचीन जैन श्रमण परम्परा से प्रेरित संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी के आज्ञानुवर्ती शिष्य मुनि श्री प्रणम्य सागर जी महाराज द्वारा पुन: शुरू की गयी पद्धति है। यह पद्धति हमें आत्मिक शांति के साथ साथ हमारे अंदर एक नई ऊर्जा का संचार भी करती है और हमें विश्व शांति की तरफ़ अग्रसर करती है। यह पद्धति हमें सादा और सहजता के साथ एक रूपांतरित जीवन जीने की प्रेरणा देती है। पंचपरमेष्ठी के स्मरण पर आधारित पाँच मुद्रायें एवं उनके ध्यान के द्वारा हम अपने जीवन में लौकिक एवं अलौकिक शक्तियों का संचार कर सकते है माध्यम से रूपांतरित कर सकते हैं। वस्तुतः यह हमें अहं से अर्हं के ओर ले जाती है।arham.yoga